Freedom fighters of Muslim स्वतंत्रता सेनानी मुस्लिम

 आज अगर किसी मुस्लिम से मुस्लिम freedom fighters (स्वतंत्रता सेनानी) के नाम पूछ लो तो वो एक दो से ज़्यादा नहीं बता पाता लेकिन हिन्दू freedom fighters के नाम बहुत से गिना देता है

मैंने कुछ मुस्लिम freedom fighters के नाम बहुत मुश्किल से इकठ्ठा किया है आप इसे पूरा ज़रूर पढ़ें और याद करने की कोशिश करें। 

1 मौलाना फज़ले हक़ खैराबादी

2 मौलाना हुसैन अहमद मदनी

3 सय्यद फज़लुल हसन हसरत मोहनी

4 मौलाना अबुल कलाम आजाद

5 अशफ़ाक़ उल्ला खान

6 मौलाना मज़हरुल हक़

7 अब्दुल ग़फ़्फ़ार खान

8 बेगम हज़रत महल

9 मौलाना मुहम्मद अली जौहर

10 मौलाना इमादुल्लाह मोहाजिर मक्की

11 मौलाना शौकत अली 

12 सुल्तान फतेह अली खान (टीपू सुल्तान) 

13 मौलाना अब्दुल माजिद दरियाबादी

14 मुख्तार अहमद अंसारी

15 बतख मियाँ

16 अल्लाह बख़्श

17 मौलाना उबैद उल्लाह सिंधी

18 सैय्यद मुहम्मद सरफुद्दीन

19 मोलवी अब्दुल्लाह शाह

20 नवाब सिराजुद्दौला 

21 हज़रत शाह वली उल्लाह मुहद्दिस देहलवी

22 हज़रत शाह अब्दुल अज़ीज़ देहलवी

23 हज़रत सैय्यद अहमद शहीद

24 मौलाना विलायत अली सादिक़पुरी

25 बहादुर शाह ज़फ़र

26 शाहजादा फिरोज शाह

27 मोलवी मुहम्मद बाक़र 

28 अहमद उल्लाह शाह

29 नवाब खान बहादुर

30 बरकत उल्लाह भोपाली

31 शाह अब्दुल क़दीर लुधियानवी

32 मौलाना रहमत उल्लाह

33 मौलाना महमूदुल हसन

34 मौलाना अनवर शाह कश्मीरी

35 मौलाना हाबीबुर्रहमान

36 मौलाना अहमद सईद देहलवी

37 मौलाना आरिफ

38 डॉ. सैफुद्दीन

39 हकीम अजमल खान

40 मौलाना इनायत उल्लाह खान

41 जनरल शाहनवाज़ खान

42 खान अब्दुल गफ्फार खान

 43 मौलाना जफ़र अली खान

इसी तरह हमारे न जाने कितने बाप दादाओं ने हिंदुस्तान की आज़ादी के लिए क़ुर्बानियाँ दीं हैं लेकिन फिर भी आज हमे गद्दार कहा जाता है और कहा जाता है कि मुसलमानों ने देश के लिए क्या किया है 

( यह याद रखना कि जन्ग मौलाना फज़्ले हक़ खैराबादी के फतवा देने से हुई थी अगर वह फतवा ना देते तो ना जाने कब तक हम अंग्रेज़ो की गुलामी करते । )

अल्लाह के वास्ते आप अपने औलादों को बताओ और ख़ुद सीखो की मुसलमानों ने इस देश के लिए कितनी क़ुर्बानियाँ दीं हैं हमारे बच्चों को क्रिकेटर के नाम तो याद हैं actors के नाम तो याद हैं वैज्ञानिकों के नाम भी याद हैं और दुनिया की तमाम चीज़ों के नाम पता हैं लेकिन अपने नबी के घर वालों के नाम, सहाबा के नाम, बुज़ुरगाने दीन के नाम, क़ुरआन के पारों के नाम और सूरतों के नाम नहीं पता न उनके बारे में पता है न उनकी जिंदगी के बारे में पता है जो कौम अपना इतिहास और अपने दीन के कानून, हुक्म,भूल जाती है वो कौम कमजोर हो जाती है और लाचार हो जाती है। 

जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे 

किराये दार हैं जाती मकान थोड़ी है

सभी का खून है शामिल यहाँ की मिट्टी में

किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है


📝 Ahmad Ishtiyaq

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